Bharti Bhawan class 10 Chemistry Chemical Reaction and Equation
लघु उत्तरीय प्रश्न
उत्तर-जब कोई पदार्थ अकेले या किसी अल्प पदार्थ के साथ क्रिया करके एक या अधिक भिन्न गुणवाले नये पदार्थों का निर्माण करते हैं तो उस क्रिया को रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं। जब इस रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों के संकेतों एवं सूत्रों की सहायता से इसका निरूपण करना रासायनिक समीकरण कहलाता है। जैसे
2KCIO2 →2KCI + 3O2
2H2 +O2 →2H2O
उत्तर-जब समीकरण में तीर (→) चिन्ह के बायीं ओर (अभिकारक) एवं दायीं ओर. (प्रतिफल) के प्रत्येक प्रकार के परमाणुओं की संख्या समान होती है तो वैसे समीकरण संतुलित समीकरण कहलाते हैं।
उत्तर-किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है और न ही विनाश। रासायनिक अभिक्रिया के पहले एवं उसके बाद प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान रहती है। इस कारण हमें समीकरण को संतुलित करना आवश्यक होता है।
उत्तर-रासायनिक समीकरण से प्राप्त होने वाली तीन सूचनाएँ निम्नलिखित हैं
i.आण्विक सूचना रासायनिक समीकरण से इस बात की सूचना मिलती है कि अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों के कितने-कितने अणु आपस में संयोग कर उत्पाद के कितने-कितने अणु का निर्माण करते हैं।
(iii) आयतनिक सुचना इससे अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों एवं उत्पादों के आयतन का पता चलता है।
उत्तर-रासायनिक समीकरण के निम्न फायदे हैं
(ii) रासायनिक समीकरण की सहायता से प्रतिफल की एक निश्चित मात्रा के निर्माण के लिए आवश्यक अभिकारकों के द्रव्यमानों की गणना ठीक-ठीक से की जाती है।
(iii)सभी जगह एक ही रासायनिक संकेतों का प्रयोग होता है। अतः रासायनिक समीकरणों की जानकारी प्राप्त करने में किसी को कोई कठिनाई नहीं होती है।
उत्तर- यदि अभिक्रिया के फलस्वरूप कोई गैस निकलती है तो समीकरण में गैस के सूत्र के ठाक बाद चिन्ह ↑ दिया जाता है। यदि अभिक्रिया के फलस्वरूप जो प्रतिफल अवक्षेप के रूप में पृथक होता है तो उस प्रतिफल के संकेत या सत्र के बाद चिन्ह ↓ दिया जाता है। ..
7.निम्नाकित समीकरण किस प्रकार का आभक्रियाओं का निरूपण करते है?
यह अभिक्रिया वियोजन या अपघटन अभिक्रिया को दर्शाता है। इसमें किसी यौगिक के बड़े अणु टूटकर दो या अधिक सरल यौगिक बनाते हैं जिनका गुण मूल यौगिक के गुण से बिल्कुल भिन्न होता है।
यह अभिक्रिया उभय विस्थापन अभिक्रिया को दर्शाते हैं। जिसमें दो यौगिक अपने आयनों का विनिमय या आदान-प्रदान करके दो नये यौगिक का निर्माण करते हैं।
उत्तर- वैसी अभिक्रिया जिसमें दो या अधिक पदार्थ परस्पर संयोग करके एक नये पदार्थ (तत्त्व या यौगिक) का निर्माण करते हैं। नये पदार्थ का गुण मूल पदार्थ के गुण से भिन्न होता है, उसे संयोजन या संश्लेषण अभिक्रिया कहते हैं।
उनर- जब कॉपर की एक प्लेट को सिल्वर नाइट्रेट के जलीय विलयन में डाला तो सिल्वर कॉपर द्वारा विस्थापित हो जाता है।
Cu+2AgNO3 →Cu(NO3)2 +2Ag
इस अभिक्रिया के कारण कॉपर प्लेट की सतह पर चमकीले सिल्वर की परत बैठ जाती है। इससे पता चलता है कि कॉपर सिल्वर से अधिक क्रियाशील होता है। .
11 ऑक्सीकर अवकरण अभिक्रिया क्या है ? .
उत्तर :- यह एक विशेष प्रकार की अभिक्रियाएँ हैं जो हमेशा साथ-साथ होती है। इसे रेडॉक्स अभिक्रिया भी कहते हैं। ऑक्सीकरण अभिक्रिया में किसी तत्त्व या यौगिक से ऑक्सीजन का संयोजन अथवा किसी यौगिक से हाइड्रोजन का निष्कासन होता है। जबकि अवकरण अभिक्रिया में किसी तत्त्व या यौगिक के साथ हाइड्रोजन का संयोग या किसी यौगिक से ऑक्सीजन का निष्कासन होता है।
अपने उत्तर के लिए कारण,
(i) Br (aq)+Cl2 (g)→ 2KCl(aq)+Br2(g)
(ii) Fe(s) + S (s)→ Fes (s)
हल :- (i) Br (aq)+Cl2 (g)→ 2KCl(aq)+Br2(g)
रासायनिक अभिक्रिया विस्थापन अभिक्रिया है। पोटैशियम ब्रामाइड के विलयन में क्लोरीन गैस प्रवाहित किया जाता है, तो पोटैशियम विस्थापित होकर पोटैशियम क्लोराइड बनाता है और ब्रोमीन बनते हैं।
जनर-(ii) Fe(s) + S (s)→ Fes (s)
यह अभिक्रिया संयोजन अभिक्रिया है। जिसमें आयरन और सल्फर परस्पर संयोग करके नये पदार्थ फेरस सल्फाइड का निर्माण करते हैं।
12. उदाहगाः पाहत किसी किया * वणन करें। नर- वैसी रासायनिक अभिक्रियाएँ जिसमें कोई प्रतिफल ठोस के रूप में विलयन से पृथक हो जाता है। ऐसी अभिक्रियाएँ अवक्षेपण आभक्रिया कहलाते हैं। पृथक होने वाले लोग अवक्षेप कहलाते हैं।
NaCl + AgNO3 → AgNO3 ↓ + NaNO3
सोडियम क्लोराइड के विलयन और सिल्वर नाइट्रेट के विलयन के बीच होने वाली भी में सिल्वर क्लोराइड अवक्षेप के रूप में प्राप्त होता है।
(1) पोटैशियम क्लोरेट को गर्म करने पर पोटैशियम क्लोराइड और ऑक्सीजन बनते हैं।
(ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और सल्फ्यूरिक अम्ल परस्पर अभिक्रिया करके सोडिया सल्फेट और जल बनाते हैं।
(ii) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड के बीच अभिक्रिया होने पर कैल्सियम कार्बोनेट और जल बनते हैं।
उत्तर-(i) KCIO3 → 2KCl + 32
(i) 2NaOH + H2SO4 →Na2SO4 + 2H2O
(iii) Ca(OH)2 + CO2 →CaCO3+H2O.
उत्तर-ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया– जिस रासायनिक अभिक्रिया में ऊष्मा उत्पन्न होती है उसे ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं। इसमें अभिक्रिया मिश्रण का ताप बहुत बढ़ जाता है। . ऊष्माशोषी अभिक्रिया-जिस रासायनिक अभिक्रिया में ऊष्मा का अवशोषण होता है। उसे ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं। इस अभिक्रिया में अभिक्रिया मिश्रण का ताप घट जाता है।
(i) ऑक्सीकरण (ii) अवकरण iii) खाद्य पदार्थ का दूषित होना।
उत्तर-(i) ऑक्सीकरण- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें किसी तत्त्व या यौगिक से ऑक्सीजन का संयोग या किसी यौगिक से हाइड्रोजन का निष्कासन होता है, ऑक्सीकरण कहलाता है।
(ii) अवकरण- अवकरण अभिक्रियाएँ ऑक्सीकरण के ठीक उल्या होती हैं। अवकरण केसी रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें किसी तत्त्व या यौगिक के साथ हाइड्रोजन का संयोग या किसी यौगिक से ऑक्सीजन का निष्कासन होता है।
tiii) खाद्य पदार्थ का दृषित होना-खाद्य पदार्थ को लंबे समय तक खली वायु में छोड दिया जाता है, तो उसमें उपस्थित वसा और तेल वायु के ऑक्सीजन द्वारा ऑक्सीकृत हो जाते हैं जिससे उनका गंध और स्वाद अप्रिय हो जाता है। इसे दूषित कहा जाता है।
16.कॉपर सल्फेट के विलयन में लोहे का टुकड़ा डाल देने पर विलयन का रंग क्यो
बदल जाता है?
उत्तर- लोहा कॉपर की अपेक्षा अधिक क्रियाशील होता है। इस कारण कॉपर सलमेर विलयन में लोहा डालने पर लोहा कॉपर सल्फेट से कॉपर को विस्थापित कर देता है। जिलया का नीला रंग समाप्त हो जाता है और फेरस सल्फेट बनने के कारण विलयन का रंग हल्का हरा हो जाता है। इसके अतिरिक्त लोह की सतह पर हल्के लाल-भूरे रंग के कॉपर की परत जमा हो जाती है।
(i) बेरियम क्लोराइड + ऐलुमिनियम सल्फेट -बेरियम सल्फेट + ऐलमिनियम क्लोराइड
सोडियम+जल -> सोडियम हाइड्रॉक्साइड + हाइड्रोजन।
उत्तर-
(i) 3BaCl2 +Al2(SO4)3→3BaSO4 +2AICl3 (ii) 2Na+2H2O→ 2NaOH+ H2
उत्तर- वियोजन वह अभिक्रिया है, जिसमें किसी यौगिक के बड़े अणु के टूटने से दो या – अधिक सरल यौगिक का निर्माण होता है जिनके गुण मूल यौगिक के गुण से बिल्कुल भिन्न होते हैं।
उदाहरण : कैल्सियम कार्बोनेट का अपघटन कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर यह अपघटित होकर कैल्सियम ऑक्साइड एवं कार्बन डाइऑक्साइड देता है। CaCO3→CaO+CO2↑
(ii) यह अभिक्रिया किस प्रकार की है?
(ii) उपर्युक्त अभिक्रिया को प्रदर्शित करने के लिए एक संतुलित रासायनिक समीकरण लिखें।
उत्तर-(i) लेड नाइट्रेट के विलयन में पोटैशियम आयोडाइड का विलयन मिलाने पर PbI, का पीला अवक्षेप प्राप्त होता है।
(ii) यह उभय-विस्थापन अभिक्रिया है। (iii)Pb(NO3)2 +2KI → PbI2 + 2KNO3
उत्तर- (i) HCL (ii) Fe (iii) Mg
उत्तर- दहन की क्रिया के लिए हवा आवश्यक है। हवा दहन का पोषक होता है। किसी पदार्थ को जलाने के लिए दहन के पोषक पदार्थ की उपस्थिति आवश्यक है। चूँकि हवा दहन का पोषक है इस कारण इसकी अनपस्थिति में कोई पदार्थ नहीं जलता है।
उत्तर- बिना ज्वाला उत्पन्न किये हुए भी पदार्थ जल सकता है। किन्तु इसमें ईंधन का पूर्ण दहन संभव नहीं है। इसमें उत्पन्न ज्वाला का रंग पीला होता है। इस कारण ईंधन के अपूर्ण दहन से उसके वाष्प में बिना जले हए कार्बन के कण मिश्रित हो जाते हैं। जो तप्त होकर चमकने लगते हैं।
उत्तर- ज्वाला वह क्षेत्र है जिसमें कोई गैसीय पदार्थ जलता है। सभी दहनशील गैसें जलने पर ज्वाला उत्पन्न करती हैं। किंतु वे ही ठोस और द्रव ईंधन जलने पर ज्वाला उत्पन्न कर सकते हैं जो गर्म किये जाने पर वाष्प बनाते हैं। जैसे किरोसीन एक द्रव है जो गर्म करने पर वाष्प देता है। इसी तरह मोमबत्ती एक ठोस ईंधन है जो गर्म करने पर वाष्प बनाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
उत्तर- वह प्रक्रिया जिसमें कोई पदार्थ अकेले या किसी अन्य पदार्थ से क्रिया करके एक या अधिक नए पदार्थों का निर्माण करता है, रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण – सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में हाइड्रोजन क्लोरीन से संयोग करके हाइड्रोजन क्लोराइड बनाता है। .
(iii) हाइड्रोजन + क्लोरीन → हाइड्रोजन + क्लोराइड
उत्तर
(i) जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट के विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अविलेय बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं।
(ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड का जलीय विलयन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के जलीय विलयन से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन और जल बनाते
उत्तर-
उत्तर-जल का अणुसूत्र H2O है। इसके एक अणु में हाइड्रोजन के दो परमाणु तथा ऑक्सीजन का एक परमाणु है। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन द्विपरमाणुक गैस है। जल के वैद्युत अपघटन के फलस्वरूप जल के एक अणु से हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक परमाणु प्राप्त होते हैं। हाइड्रोजन के दोनों परमाणु परस्पर संयोग कर एक अणु बना लेते हैं जबकि ऑक्सीजन के परमाणु कि संयोग के लिए जल के दूसरे अणु से प्राप्त ऑक्सीजन परमाणु की आवश्यकता होती है। इस प्रकार जल के दो अणु से हाइड्रोजन के दो अणु और ऑक्सीजन का एक अणु बनता है। इसी प्रकार से हाइड्रोजन की मात्रा ऑक्सीजन से दोगुनी होती है। ‘
प्रथम परखनली में एकत्रित गैस हाइड्रोजन है।
उत्तर-एकल विस्थापन अभिक्रिया वह है जिसमें किसी अणु में उपस्थित परमाणु या परमाणुओं के समूह को किसी दूसरे परमाणु द्वारा विस्थापित कर दिया जाता है। ..
। उदाहरण-लोहे के एक टुकड़े को कॉपर (II) सल्फेट के जलीय विलयन में डालने पर लोहा | कॉपर सल्फेट से कॉपर (ताँबा) को विस्थापित कर देता है।
उत्तर-अपघटन या वियोजन वह अभिक्रिया है, जिसमें किसी यौगिक के बड़े अणु के टूटने | से दो या अधिक सरल पदार्थ (तत्त्व या यौगिक) बनते हैं जिनके गुण मूल यौगिक के गुण से | बिलकुल भिन्न होते हैं।
उदाहरण—(i) कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर वह कैल्सियम ऑक्साइड एवं कार्बन डाइऑक्साइड में अपघटित हो जाता है।
(ii) पोटैशियम क्लोरेट को गर्म करने पर वह पोटैशियम क्लोराइड एवं ऑक्सीजन गैस में । अपघटित होता है।
उत्तर-संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ परस्पर संयोग कर एकल उत्पादन बनाते हैं, जबकि अपघटन अभिक्रिया में एकल पदार्थ के अणु के टूटने से दो या अधिक सरल पदार्थ बनते हैं। इसी कारण से अपघटन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया की विपरीत अभिक्रिया कहा जाता है।
संयोजन अभिक्रिया : CaO (s) + H2O(I) →Ca(OH)2(aq)
अपघटन अभिक्रिया :
उत्तर-(i)ऊष्मा द्वारा अपघटन
रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
प्रकाश-ऊर्जा द्वारा अपघटन
.(ii) विद्युत ऊर्जा द्वारा अपघटन
उत्तर- द्विविस्थापन या उभय-विस्थापन अभिक्रिया वह है जिसमें दो यौगिक अपने आप आदान-प्रदान या विनिमय (exchange) करके दो नए यौगिक का निर्माण करते हैं।
उदाहरण- सोडियम क्लोराइड के विलयन में सिल्वर नाइट्रेट का विलयन डालनं पा और CI- की अभिक्रिया से AgCI के अवक्षेप का निर्माण होता है। Na+ और NO- की से एक अन्य उत्पाद सोडियम नाइट्रेट भी बनता है जो विलयन में ही रहता है।
वह अभिक्रिया जिसमें अवक्षेप बनता है, अवक्षेपण अभिक्रिया भी कहलाती है।
उत्तर- ऊष्मा :
प्रकाश :
विद्युत :
उत्तर-(i) उपचयन अभिक्रिया-वे अभिक्रियाएँ जिनमें ऑक्सीजन का योग होता है उन्हें उपचयन कहते हैं। जैसे- (a) 2Cu + O2 → 2Cu
(b) 2H2 +O2→ 2H2O
(ii) अपचयन अभिक्रिया—वं अभिक्रियाएँ जिनमें ऑक्सीजन का ह्रास होता है उसे अपचयन कहते हैं।
जैसे—(a) ZnO + C→Zn+CO
(b) Cuo+H2 → Cu+H2O
(i) 4Na(s) +O2 (g) → 2Na2O(s)
(ii) CuOs) + H2(g) → Cu (s) + H2O(I)
. उत्तर- अभिक्रिया (i) में Na, Na,O में उपचयित होता है तथा O2 अपचयित होता है। अभिक्रिया (ii) में H2, H20 में उपचयित होता है तथा CuO. Cu में अपचयित होता है।
(i) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है। (ii) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है।
(ii) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइडोजन गैस देती है।
उत्तर-1 अभिक्रिया (i) का संतुलित समीकरण है
N2 + 3H2 → 2NH3
अभिक्रिया (ii) का संतुलित समीकरण है
2H2S+ 3O2 → 2H2O+ 2SO2
अभिक्रिया (iii) का संतुलित समीकरण है
2K+2H2O→ 2KOH+ H2
(i) HNO3 + Ca(OH)2→ Ca(NO3)2 +H2O
(ii) MnO + HCl →MnCl2 + Cl 2+ H2O
(ii) NaOH+H2SO4→Na2SO4+ H2O
उत्तर- HNO3 + Ca(OH)2→ Ca(NO3)2 +H2O
इसमें Ca(NO3)2 में 2NO3, मूलक है जो HNO3, से प्राप्त होता है। अतः HNO3, का 2 अणु लेते हैं। H एवं 0 को संतुलित करने के लिए दाईं ओर 2 H2O लिखते हैं।
अतः संतुलित समीकरण होता है।
2HNO3 + Ca(OH)2→ Ca(NO3)2 +2H2O
(ii) MnO + HCl →MnCl2 + Cl 2+ H2O
इसमें दाईं ओर चार CI परमाणु हैं जो HCI से प्राप्त होते हैं। अत: CI परमाणु को संतुलित करने के लिए बाईं ओर 4HCI लिखते हैं। 0 परमाणु एवं H परमाणु को संतुलित करने के लिए दाईं ओर 2H2O लिखते हैं। अतः संतुलित समीकरण होता है।
MnO + 4HCl →MnCl2 + Cl 2+ 2H2O
(ii) NaOH+H2SO4→Na2SO4+ H2O
इसमें Na2SO4में 2Na परमाणु है। Na परमाणु को संतुलित करने के लिए बाईं ओर 2NaOH लिखते हैं। Hएवं 0 को संतुलित करने के लिए दाईं ओर 2H2O लिखते हैं। अतः संतुलित समीकरण होता है।
2NaOH+H2SO4→Na2SO4+ 2H2O
(a) HNO3+Ca(OH)2→Ca(NO3)2 + H2O
(b) NaOH+ H2SO4 → Na2SO4+ H2O
(c) NaCl + AgNO2 →AgCl+ NaNO3
(d) BaCl2+H2SO4→ BaSO4+HCl
उत्तर-(a) 2HNO3+Ca(OH)2→Ca(NO3)2 + 2H2O
(b) 2NaOH+ H2SO4 → Na2SO4+ 2H2O
(c) NaCl + AgNO2 →AgCl+ NaNO3
(d) BaCl2+H2SO4→ BaSO4+HCl
(a) कैल्सियम हाइड्रोक्साइड + कार्बन डाइ-ऑक्साइड→ कैल्सियम कार्बोनेट + जल
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
(c) ऐलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड -→ ऐलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड
उत्तर-(a) Ca(OH)2 + CO2→CO2→ CaCO3 + 2H2O
(b) Zn + 2AgNO3 →Zn(NO3)2 + 2Ag
(c) 2AI + 3CuCl2 → 2AICI3 + 3Cu
(d) BaCl2 + K2SO4 → BaSO4 + 2KCI
(a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq)-→ पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (s)
(b) जिंक कार्बोनेट (s)-→जिंक ऑक्साइड (s)+ कार्बन डाइऑक्साइड (g) (c) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन (g)→ हाइड्रोजन क्लोराइड (g)
(d) मैग्नीशियम (s) + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्नीशिया क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g)
उत्तर-
(a) 2KBr(aq) + Bal2(aq)→ 2KI(aq) + BaBr2(aq).
(b) ZnCO3(s)→ZnO(s)+CO2(g)..
(c) H2(g) + Cl2(g)→2HCI(g)
(d) Mg(s) + 2HCl(aq)→MgCl2 + H(g)
अभिक्रिया का प्रकार
(a) द्विविघटन .
(b) विघटन
(c) संयोजन
(d) विस्थापन
उत्तर- श्वसन के दौरान अंदर लिए गए ऑक्सीजन द्वारा भोजन विघटित होता है अर्थात् वह उपचयित होता है। इस प्रक्रिया में ऊर्जा मुक्त होती है। अतः श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं।
उत्तर-वियोजन अभिक्रियाएँ वे अभिक्रियाएँ हैं जिनमें कोई यौगिक दो या अधिक नये यौगिकों में विघटित हो जाता है।
संयोजन अभिक्रियाएँ वे अभिक्रियाएँ हैं जिनमें दो पदार्थ आपस में संयोग करके एक नए पदार्थ का निर्माण करते हैं।
CaO+CO2→CaCO3
उपर्युक्त उदाहरणों में दोनों अभिक्रियाएँ समान हैं किन्तु विपरीत स्थितियाँ दिखा रही हैं। अत: वियोजन अभिक्रियाओं को संयोजन अभिक्रियाओं के विपरीत कहा जाता है।
उत्तर:- ऊर्जा का ऊष्मा के रूप में प्रयोग हो रहा है
ऊर्जा का प्रकाश के रूप में उपयोग हो रहा है।
विस्थापन अभिक्रिया में किसी लवण से उसका एक तत्व किसी अपेक्षाकृत अधिक कियाशील तत्व द्वारा विस्थापित हो जाता है। उदाहरण के लिए निम्नलिखित अभिक्रिया में CuSO4 से Cu, Zn द्वारा विस्थापित हो जाता है क्योंकि Zn अपेक्षाकृत अधिक अभिक्रियाशील है।
CuSO4 + Zn → ZnSO4 + Cu
द्विविस्थापन अभिक्रिया में एक नए उत्पादों के निर्माण के लिए दो अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है।
_ Na2SO4 (aq) + BaCl2,(aq) → BaSO4(s) + 2NaCl(aq)
उत्तर चमकदार भूरे रंग का तत्व ‘X’ कॉपर है। जब इसे हवा में गर्म किया जाता है या कॉपर ऑक्साइड के जमा होने के कारण काला पड़ जाता है।
उत्तर-लोहे की वस्तुओं को संक्षारण से बचाने के लिए हम पेन्ट करते हैं। पेन्ट, वस्तु की सतह तथा हवा या नमी के बीच प्रत्यक्ष संपर्क को समाप्त कर देता है। 24. तेल एवं वसायक्त खाद्य पदार्थ को नाइट्रोजन से युक्त क्यों किया जाता है ?
उत्तर-तेल एवं वसायुंक्त खाद्य पदार्थ को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए उन्हें नाइट्रोजन से युक्त किया जाता है। जब.ऐसे पदार्थ हवा के संपर्क में आते हैं तो उपचयित होकर विकृत गधित ‘हो जाते हैं। उनके गंध तथा स्वाद बदल जाते हैं।
उत्तर-(a) संक्षारण जब कोई धातु अपने आसपास अम्ल, नमी आदि के संपर्क में आती है तब यह संक्षारित होती है और इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं।
सक्षारण के लिए परिस्थितियाँ – (i) नमी (जल) की उपस्थिति। (i) वाय की उपस्थिति। • उदाहरण- लाहे में जंग लगना संक्षारण का एक सामान्य उदाहरण है।
(b) विकत गंधित वसा एवं तेल से युक्त पदार्थ लंबी अवधि तक रखने पर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं तथा उनके स्वाद एवं गंध बदल जाते हैं।
उत्तर यहाँ मात्रा या द्रव्यमान संरक्षण का नियम प्रयुक्त होता है। इसके अनुसार, न तो पदार्ध का उत्पन्न किया जा सकता है और न ही उसका क्षय। इस तरह किसी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान अभिकारकों एवं उत्पादों का कुल द्रव्यमान समान होता है। अतः एक संपूर्ण रासायनिक समीकरण के लिए, समीकरण के दोनों ओर विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या को संतुलित किया जाता है, अर्थात, एक संतुलित रासायनिक समीकरण प्राप्त किया जाता है।
उमा यदि किसी रासायनिक समीकरण में किसी तत्व के परमाणुओं की संख्या दोनों तर बराबर नहीं है तो उसे कंकाली रासायनिक समीकरण कहा जाता है।
उदाहरण के लिए,
Mg + HCI → MgCl2 + H2
एक संतुलित रासायनिक समीकरण में दोनों तरफ विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या बराबर होती है। उदाहरण के लिए,
Mg + 2HCI → MgCl2 + H2
उत्तर :- संतुलित रासायनिक समीकरण से निम्नलिखित जानकारियाँ मिलती हैं
(i) अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों अर्थात् अभिकारकों के सूत्र।
(ii) अभिक्रिया के फलस्वरूप निर्मित उत्पादों के सूत्र।
(iii) अभिकारकों एवं उत्पादों के अणुओं की सापेक्षिक संख्या।
CaCO3+2HCl→CaCl2 +H2O +CO2
उत्तर :-
दिए गए समीकरण से निम्नलिखित जानकारियाँ प्राप्त होती हैं
(i) कैल्सियम कार्बोनेट तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल अभिकारक हैं जबकि कैल्सियम क्लोराइड, जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड उत्पाद हैं।
(ii) कैल्सियम कार्बोनेट का 1 अणु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के 2 अणुओं के साथ अभिक्रिया करके कैल्सियम क्लोराइड, जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड प्रत्येक के एक-एक अणु का निर्माण करता है।
(iii) 1 ग्राम अणु अर्थात् 100 ग्राम CaCO3 2 ग्राम अणु अर्थात् 73 ग्राम HCI के साथ अभिक्रिया द्वारा 111 ग्राम CaCl2 18 ग्राम H2O तथा 44 ग्राम CO2, बनाता है।
(iv) स्थिर तापक्रम एवं दबाव पर 22.4 लीटर CO2, निर्मित होती है।
उत्तरवह अभिक्रिया जिसमें एक अपेक्षाकृत अधिक अभिक्रियाशील तत्व, अणु या आयन अपने से कम अभिक्रियाशील तत्व, अणु या आयन को विस्थापित कर देता है उसे विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण- (i) CuSO4 + Zn→ZnSO4+Cu
उपर्युक्त उदाहरण में, जिंक अधिक क्रियाशील है जो कॉपर सल्फेट विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है |
Class 10th Science |
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Sr.No | Chapter |
Class 10th | (1) Physics ( भोतिकी ) (2) Chemistry ( रसायन ) (3) Biology ( जीवविज्ञान ) |
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